पीएम विश्वकर्मा योजना 2025: आवेदन प्रक्रिया, लाभ, पात्रता और पूरी जानकारी | PM Vishwakarma Yojana 2025: Application Process, Benefits, Eligibility and Complete Details
पीएम विश्वकर्मा योजना 2025: आवेदन प्रक्रिया, लाभ, पात्रता और पूरी जानकारी
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। यदि आप भी कारीगर हैं और अपने हुनर को पहचान दिलाना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए सुनहरा अवसर है। आइए इस योजना की पूरी जानकारी विस्तार से जानते हैं।
योजना का उद्देश्य (Purpose of the Scheme) -
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को प्रोत्साहित करना है जो पीढ़ियों से अपने परिवार के व्यवसाय में लगे हुए हैं। इसमें बढ़ई, लोहार, सुनार, धोबी, दर्जी, नाई, मोची जैसे 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। सरकार चाहती है कि ये कारीगर डिजिटल और आधुनिक तरीके से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाएं और वित्तीय रूप से मजबूत बनें।
योजना के अंतर्गत लाभ (Benefits of PM Vishwakarma Scheme) -
1. प्रारंभिक टूलकिट वाउचर: ₹15,000 की सहायता राशि टूल्स खरीदने के लिए।
2. कम ब्याज पर ऋण: ₹3 लाख तक का लोन दो चरणों में:
पहला चरण: ₹1 लाख (18 महीने में चुकता)
दूसरा चरण: ₹2 लाख (30 महीने में चुकता)
ब्याज दर: केवल 5% प्रति वर्ष
3. कौशल प्रशिक्षण: आधुनिक उपकरणों और तकनीकों पर ट्रेनिंग के साथ ₹500 प्रतिदिन का भत्ता।
4. डिजिटल प्रमाणीकरण और पहचान: PM Vishwakarma ID और सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं।
5. मार्केटिंग और ब्रांडिंग में मदद: उत्पादों को e-Marketplace और सरकारी पोर्टल्स पर प्रमोट किया जाता है।
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria) -
आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
आवेदक किसी सरकारी सेवा में न हो।
परिवार का कोई अन्य सदस्य पहले से इस योजना का लाभ न ले रहा हो।
वह 18 निर्धारित ट्रेड्स में से किसी एक में काम कर रहा हो:
यह 18 ट्रेड्स हैं -
1. बढ़ई (Carpenter)
2. लोहार (Blacksmith)
3. हथौड़ा और टूल किट निर्माता
4. सुनार (Goldsmith)
5. कुम्हार (Potter)
6. मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला
7. मोची (Cobbler/Footwear Artisan)
8. दर्जी (Tailor
9. धोबी (Washerman)
10. नाई (Barber)
11. माली (Gardener)
12. राजमिस्त्री (Mason)
13. मछली पकड़ने वाला
14. खिलौना निर्माता
15. टोकरी, चटाई, झाड़ू निर्माता
16. ताला-चाबी बनाने वाला
17. बुनकर (Weaver)
18. मरम्मत कार्य करने वाले तकनीशियन
आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents)
आधार कार्ड
राशन कार्ड
मोबाइल नंबर (आधार से लिंक होना चाहिए)
पासपोर्ट साइज फोटो
बैंक पासबुक की कॉपी
व्यवसाय से संबंधित प्रमाण पत्र (यदि हो)
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply)
1. ऑनलाइन आवेदन कैसे करें:
1. https://pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
2. होमपेज पर 'Apply Online' विकल्प पर क्लिक करें।
3. मोबाइल नंबर और आधार OTP से लॉगिन करें।
4. आवेदन फॉर्म भरें:
व्यक्तिगत जानकारी
व्यवसाय से संबंधित जानकारी
बैंक विवरण
दस्तावेज़ अपलोड करें
5. फॉर्म सबमिट करें और रसीद डाउनलोड करें।
2. CSC केंद्र के माध्यम से आवेदन:
यदि आप ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं, तो अपने नजदीकी CSC (Common Service Center) पर जाएं और ऑपरेटर से योजना के अंतर्गत आवेदन करने को कहें।
आवेदन की स्थिति कैसे जांचें? (Check Application Status)
1. आधिकारिक पोर्टल पर लॉगिन करें।
2. 'Track Application' विकल्प पर क्लिक करें।
3. अपना पंजीकरण नंबर दर्ज करें।
4. आपकी आवेदन की स्थिति स्क्रीन पर दिखेगी।
कुछ सामान्य प्रश्न (FAQ)
Q1. क्या महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकती हैं?
हाँ, महिलाएं भी आवेदन कर सकती हैं यदि वे किसी ट्रेड में काम करती हैं।
Q2. क्या पहले से लोन लेने वाले इस योजना में आवेदन कर सकते हैं?
नहीं, यदि आपने पहले से पीएम मुद्रा या स्वनिधि योजना का लाभ लिया है, तो आप इसके लिए पात्र नहीं हैं।
Q3. क्या एक ही परिवार से एक से ज्यादा लोग आवेदन कर सकते हैं?
नहीं, केवल एक सदस्य पात्र होगा।
Q4. इस योजना में कितने समय में लाभ मिलेगा?
आवेदन के सत्यापन के बाद आमतौर पर 15 से 30 दिनों के अंदर लाभ मिलना शुरू हो सकता है।
योजना से जुड़ी अहम सावधानियाँ (Important Tips)
आवेदन करते समय सभी दस्तावेज़ सही और स्पष्ट अपलोड करें।
फॉर्म भरने से पहले पात्रता की शर्तें ध्यान से पढ़ें।
किसी भी दलाल या बिचौलिए से बचें। आवेदन पूर्णतः निशुल्क है।
योजना का उद्देश्य क्यों महत्वपूर्ण है?
हमारे देश में लाखों लोग पीढ़ियों से अपने हाथ के हुनर से काम कर रहे हैं। लेकिन उन्हें न तकनीकी सहयोग मिला, न ही कोई आर्थिक सहायता। पीएम विश्वकर्मा योजना इस कमी को दूर करती है और उन्हें एक नई पहचान देती है — 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' के तहत।
अंतिम शब्द:
अगर आप एक कारीगर हैं, या आपके परिवार में कोई पारंपरिक व्यवसाय करता है, तो इस योजना का लाभ जरूर लें। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है।
आपका आभार – आपकी सेवा में सदैव तत्पर।
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